Saturday, January 17, 2009

पाकिस्तान की फितरत, इंकार करने की फितरत

भारत ने पाकिस्तान को जो सबूत सौंपे है...और जिन्हें पाकिस्तान सिर्फ जानकारी या सूचना मात्र ही मान रहा है...वो हैं...

पहला सबूत
अजमल आमिर कसाब का कबूलनामा।

दूसरा सबूत
ताज होटल और नरीमन हाउस में हमला कर रहे आतंकवादियों की पाक या पीओके में बैठे अपने आकाओं से सैटलाइट फोन के जरिए हुई बातचीत की कॉल डिटेल।

तीसरा सबूत
हालाकिं आकाओं की पहचान पुख्ता नहीं है, लेकिन आशंका कि ये मुजम्मिल, अबू काफा, जरार शाह या लखवी हो सकते हैं। बातचीत की वॉइस मैपिंग भी की गई है।

चौथा सबूत
सैटलाइट फोन के वो सभी नंबर जिनसे भारत से बहार कॉल हुई और जिन पर कॉल रिसीव की गई। इन नंबरों से इनकी लोकेशन का पता लगाना काफी आसान हुआ।

पांचवां सबूत
आतंकवादियों के आका अफगानिस्तान के क्वेटा और जलालाबाद के अलावा, दुबई और अबू धाबी गए। मुजफ्फराबाद और कराची से इनका मूवमेंट भी दर्ज हैं।

छठा सबूत़
गिलगिट में आईएसआई के एक टॉप जनरल और स्टाफ ऑफिसर के बीच 26/11 के अटैक के बारे में हुई बातचीत का रिकॉर्ड।

सातवां सबूत
कराची से मुंबई आने के लिए हाइजैक किए गए फिशिंग ट्रॉलर एमवी कुबेर से मिली लॉग बुक।

आठवां सबूत
ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस सेट जिसके ज़रिए आतंकी मुंबई पहुंचने में कामयाब हुए।

नौवां सबूत
पाक निर्मित नाइन एमएम की पिस्तौलें जो की पेशावर की डायमंड नेवी फ्रंटियर आर्म्स कम्पनी...में बनाई गई हैं।

दसवां सबूत
ऑस्ट्रिया की जिस कम्पनी में घटना को अंजाम देने वाले हथगोले बने हैं उसकी फ्रेंचाइज़ी पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित एक ऑर्डेनेंस फैक्ट्री के पास है।

लेकिन पाक के लिए ये सबूत उसकी हरकतों,मुबई हमलों में उसके हाथ ही नही गले तक धंसे होने के सबूत नही सिर्फ सूचनाऐं हैं ।

कश्मीर बना आरामगाह

कश्मीर...या फिर यूं कहें धरती का स्वर्ग...लेकिन इस स्वर्ग को पिछले कई सालों से आतंकियों की गोलियों से तार-तार होना पड़ रहा है...लेकिन कश्मीर की तस्वीर का एक और पहलू है और वो बड़ा ही सुखद है। मनोहारी कश्मीर की जिन पर्वत श्रृंखलाओं में आतंकियों ने पनाह तलाशी, उन्हीं में तेजी से गायब हो रहे स्नो लेपर्ड यानी हिम तेंदुए को भी सुरक्षित ठिकाने मिले। यही वजह है कि यह खूबसूरत प्राणी जम्मू-कश्मीर में कहीं ज्यादा चैन से रह रहे है। भारत सरकार भी अब प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड शुरू करने जा रही है, जिससे इनकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद जगी है। जम्मू-कश्मीर के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन एके श्रीवास्तव के मुताबिक- जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्ताराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड को स्वीकृति मिली है और अब हाथी और टाइगर प्रोजेक्ट की ही तरह प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड भी शुरू होगा। उन्हें भरोसा है कि सरकारी संसाधन जुटने के बाद कश्मीर की बर्फ से ढकी चोटियां हिम तेंदुए को और भी बेहतर माहौल दे सकेंगी। वो कहते हैं कि इन इलाकों में अगर यह जानवर कुछ दिख रहा है, तो इसका श्रेय स्थानीय लोगों को है, जिनकी कोशिशों से इन्हें बेहतर पनाह मिली है।

Friday, January 2, 2009

ख़ुशियां बदली मातम में...

दुनिया भर में नए साल का स्वागत किया जै रहा था...भारत में भी 2009 का स्वागत बड़ी ही गर्मजोशी के साथ किया गया...भारत के एक पूर्वोत्तर राज्य असम में भी लोग नए साल के आगमन में लगे हुए थे...लेकिन उनकी खुशियां किसी से देखी नहीं...गईं जी हां..असम में आतंकवादियों ने एक के बाद एक तीन सिलसिलेवार बम धमाके कर राजधानी गुवाहाटी को दहला कर रख दिया...इस आतंकी घटना में नौं लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी...50 से ज्यादा लोग घायल हो गए...इस आतंकी घटना में उल्फा का हाथ होने की बात पुलिस ने पूरी तरह से स्वीकार ली है...।