tag:blogger.com,1999:blog-17129900790757540672024-03-13T19:11:25.964-07:00आहट...rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-58581661137579981042011-03-11T00:24:00.000-08:002011-03-11T00:34:27.702-08:00मेरे दिल में एक टीस है...<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjoF6B07t3CigL2JE7aqVrpDaGvFROAtSfgsJ4716DMaaFzO4maA7hFdkCNbKbNzLm9Q8wibauh0JwEPeyxJW7rfJdbZOMriFVAXXuG6APTirrldIzW2Zr6QJM2Oz4kq6f4g325C8_zT4us/s1600/frustrated-man.gif"><img style="float:right; margin:0 0 10px 10px;cursor:pointer; cursor:hand;width: 320px; height: 257px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjoF6B07t3CigL2JE7aqVrpDaGvFROAtSfgsJ4716DMaaFzO4maA7hFdkCNbKbNzLm9Q8wibauh0JwEPeyxJW7rfJdbZOMriFVAXXuG6APTirrldIzW2Zr6QJM2Oz4kq6f4g325C8_zT4us/s320/frustrated-man.gif" border="0" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5582737688956672082" /></a><br /><p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span class="Apple-style-span" style=" ;font-family:Mangal;">मेरा बचपन खिलौनों की चाह में...यूं ही बीत गया...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">वो सुनहरे पल...यूं ही गुज़र गए, मेरी चाह खिलौनों की यूं ही मर गई...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">आज भी उनसे खेलने की ख्वाहिश है मेरी...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">ये ही तो मेरे दिल में एक टीस है,</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: center;"><o:p> </o:p></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">अब स्कूल में पढ़ने का मन हुआ मेरा...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">घर के पास वाले उस बड़े से स्कूल में पढ़ने की ख्वाहिश थी मेरी...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">लेकिन उस बड़े वाले स्कूल की बड़ी वाली फीस...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">ना भर पाने की ही तो मेरे दिल में एक टीस है,</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: center;"><o:p> </o:p></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">जैसे-तैसे उस बग़ल वाले टैंट के स्कूल में पढ़ाई की...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">अब कॉलेज में पढ़ने की ख्वाहिश जाग गई...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">क्या करूं हालात से परिचित होने के बावजूद...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">ख्वाहिश को ना मार पाया...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">उस बड़े वाले कॉलेज में ना पढ़ पाने की ही तो मेरे दिल में एक टीस है,</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: center;"><o:p> </o:p></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">इसी दौरान हमें भी मुहब्बत हो गई...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">जैसा की हमारी आदत में शुमार है...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">मैंने इस बार भी ऐसी चाहत पाली...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">जो ना थी कभी हमारी होने वाली...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">बस उस मुहब्बत को ना पाने की ही तो मेरे दिल में एक टीस है,</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: center;"><o:p> </o:p></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">अब मैंने ठाना की कुछ कर दिखाना है...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">अपने इस हुनर से अपनी इस दुनिया को सजाना है...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">लेकिन उसको कुछ और ही मंज़ूर था...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">अपनी दुनिया को ना सजा पाने की ही तो मेरे दिल में एक टीस है,</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: center;"><o:p> </o:p></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">अब इस टीस को लिए जिए जा रहा हूं...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">ये टीस अब मेरी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">यही मेरी ज़िंदगी का एक छोटा सा किस्सा है...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">इस टीस ने मुझे मजबूत बना दिया है...</span></p> <p class="MsoNormal" style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family:Mangal;">आने वाले वक्त के लिए बहुत कुछ सिखा दिया है। <o:p></o:p></span></p>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-6330927779987806192010-05-15T07:33:00.000-07:002010-05-15T07:35:50.500-07:00मैं चला जा रहा हूं....<div align="center"><strong>राह-ए-मंज़िल कठिन है...लेकिन मैं चला जा रहा हूं।<br />इंतज़ार है तो बस मंज़िल का...<br />और मंजिल के इंतज़ार में...मैं बस चला जा रहा हूं।<br />ऐ खुदा तू मुझे बता कब तक का प्रोग्राम है मेरे चलने का...<br />इस प्रोग्राम के खत्म होने के इंतज़ार में....मैं बस चला जा रहा हूं।<br />मेरे खुदा अब तो कुछ रहम दिखा...<br />तेरे रहम के इंतज़ार में...मैं बस यूं ही चला जा रहा हूं।<br />इस राह-ए-मंजिल में ठोकरें तो तमाम हैं...<br />इन ठोकरों के खत्म होने के इंतज़ार में....मैं बस चला जा रहा हूं।<br />अब तो लगता है कि कुछ थक-सा गया हूं...<br />इस थकान के दूर होने के इंतज़ार में...मैं बस यूं ही चला जा रहा हूं।<br />तुझसे यही दरख्वास्त है मेरी, मेरे थकने से पहले मंज़िल पे पहुंचा दे मुझको...<br />और इस मंजिल के इंतज़ार में...मैं बस चला जा रहा हूं।<br />अब तो मेरे ज़हन में नज़ारा है तो बस उस मंज़िल का...<br />जिस मंज़िल के इंतज़ार में, मैं बस यूं ही चला जा रहा हूं। </strong></div>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-66586423310913541012010-04-08T04:32:00.000-07:002010-04-08T04:34:27.241-07:00आज भी याद है मुझकोतेरा यूं मुस्कुरा के भाग जाना आज भी याद है मुझको<br />तेरा यूं हिचकिचा के ख़ामोश कर जाना आज भी याद है मुझको<br />तेरा आंखे दिखा के भूल जाना आज भी याद है मुझको<br />तेरा गलती करके माफी मांगना आज भी याद है मुझको<br />तेरी आंखों की खामोशियों का शोर आज भी याद है मुझको<br />तेरा होठों की थरथराहट आज भी याद है मुझको<br />मेरे सामने आकर तेरा यूं कंपकपाना आज भी याद है मुझको<br />तेरे चंचल मन की शररातें आज भी याद हैं मुझको<br />नज़रों के बाणों ये घायल करने की अदा आज भी याद है मुझको<br />मगर कुछ भूला हूं तो बस तेरा नाम भूला हूं<br />रुसवाई के डर से ही तेरा नाम भूला हूं<br />कुछ भूला हूं तो, तेरी गली रास्ता भूला हूं<br />तुझे भुलाने की चाह में ही, तेरी ग़ली का रास्ता भूला हूं<br />लेकिन, क्या करूं तेरी सादगी है की मुझको याद आती है<br />तेरी याद आती है, रातों को जगाती है, कुछ ज्यादा ही सताती है<br />इसीलिए तू आज भी याद है मुझको, आज भी याद है मुझकोrohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-73555636588981676362009-11-25T05:38:00.000-08:002009-11-25T05:40:49.619-08:0026/11 ना भुलाया जाने वाला दर्द26 नवंबर 2008...वो दिन जब देश पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला...जिसको झेला मायानगरी...मुंबई ने.....कभी ना रुकने वाली मुंबई भी उस दिन थम गई थी....वो कराह रही थी और लगा रही थी मदद की गुहार.....लेकिन पूरे साठ घंटे तक चला......मौत का नंगा नाच देखने वाली वो मुंबई आज भी उस मंज़र को याद कर सिसक उठती है....इस आतंकी हमले में किसी मां की गोद सूनी हुई.....कई औरतों ने सदा सुहागन होने का आशिर्वाद लेने के बाद बेवा होने का दर्द झेला.....कई बच्चों के सिरों से मां-बाप साया उठ गया....कई बहनें राखी बांधने वाले उस हाथ को आज भी ढूंढ रही हैं.....लेकिन ये इंतज़ार तो कभी ना खत्म होने वाला इंतज़ार बन गया है अब.....ये मुंबई है एक आम मुंबईकर से जो इसकी शान बढाता है.....लेकिन ये आम मुंबईकर आज भी उस काले दिन लगे दंश की टीस को झेल रहा है...इसकी टीस को झल रहे आम लोग आज भी अपने हक को पाने के लिए...दर-दर भटक रहे हैं...मुआवजों का ऐलान करना भर ही क्या सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है....जिसके बाद वो निश्चिंत होकर बैठी इन मज़लूमों की दास्तां के ज़रिए वोट बटोरने की तैयारी में लगी हुई है....26/11 के शिकार लोगों में से कुछ को आज तक ना तो किसी तरह का कोई मुआवजा मिला है....ना ही किसी तरह की कोई मदद....कई तो ऐसे भी हैं....जो ज़िंदगी भर अपाहिजों की जिंदगी जीने को मजबूर हैं....वो अपना दर्द आखिर किसके आगे बयां करे....क्योंकि इनकी तो सुनने वाला भी कोई नहीं......पहले ये लोग 26/11 के शिकार हुए फिर उसके बाद अब....सिस्टम और सरकार की उदासीनता के.......इस सरकारी वादाखिलाफी ने इनकी ज़िंदगी और भी बदतर कर दी है.....बीते दिनों 26/11 के शिकार हुए लोगों के पुनर्वास में हो रही देरी के चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक पेटिशन भी दायर की गई है....जिसके तहत....याचिकाकर्ताओं की मांग है......भारत सरकार.....रेल मंत्रालय.....और महाराष्ट्र सरकार उस वक्त किये गए अपने वायदों को जल्द से जल्द पूरा करें......दरअसल 403 पीड़ितों में से सिर्फ 118 को ही अब तक मुआवजे की राशि मिली है वो भी प्रधानमंत्री राहत कोश में से....अपाहिजों की तरह गुज़र-बसर करने वाले ये लोग...क्या अपने हक की सिर्फ मांग ही करते रह जाएंगे या फिर....ये मांग ही इनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य बन कर रह जाएगी....rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-32983357381298411442009-11-06T06:17:00.000-08:002009-11-06T06:18:38.977-08:00सच का सामना...<strong>बीते दिनों स्टार प्लस पर एक रिएलिटी शो सच का सामना ने बहुत धूम मचाई....इसकी जमकर आलोचना भी की गई....इसने बहुत सुर्खियां भी बटोरीं....इस प्रोग्राम की बेहद प्रशंसा भी की गई....लेकिन क्या इसका कोई असर समाज पर पड़ा....? जिसके नाम पर आज के समझदार नेताओं ने इसे सदन में मुद्दा तक बना दिया....इन साहबज़ादों का कहना था....की इस कार्यक्रम का समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा.....फिर भी दो-चार किस्से ऐसें सुनने को जरूर मिले जिनके ज़रिए इस प्रोग्राम पर उंगलियां उठीं...जो थे सच की वजह से जान गंवाने के......लेकिन क्या सच किसी की जान ले सकता है...? इस सवाल के जवाब का इंतज़ार मैं आज भी कर रहा हूं...यदि आप किसी बड़ी इमारत की नींव झूठ के मसाले पर बनाओगे तो उसका ढहना तो लाजिमी ही है...शायद...मेरे जैसे कई लोग इस बात से इत्तेफाक भी रखते हों...और कुछ इत्तेफाक ना रखते हों...इसी तरह आप अपने जीवन की शुरुआत झूठ से करेंगे तो भविष्य में होने वाली तबाही को रोकना नामुमकिन है....तो क्या इस तरह के शो को बंद करना सही है...? ये बात रही इस शो की लेकिन...कल ही की बात है...एक जनाब...जो की मेरे बेहद खास मित्रों में से हैं....मैंने उनका सामना एक सच से क्या करा दिया...उनके तो हाव-भाव ही बदल गए...बस सच की बुराई शायद यही है...की वो बहुत कड़वा होता है, जिसे हजम करना हर किसी के बस की बात नहीं है....अगर आपमें इसे हजम करने की ताकत है तो आप कुछ भी कर सकते हैं...मेरा तो मानना यही है...लेकिन इस घटना ने मुझे ये सोचने पर ज़रूर मजबूर कर दिया की सच कहीं-न-कहीं आपको आपके अपनों से दूर ज़रूर कर देता है...लोग कहते हैं की मुंहफट लोग बहुत अच्छे होते हैं लेकिन सच्चाई तो शायद कुछ और ही है...यदि जीवन अच्छे से जीना हो तो आपको एक बेहतर राजनीतिज्ञ होना ज़रूरी हो जाता है...क्या आप मेरी इस बात से सहमत हैं...?</strong>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-72768614057606186092009-11-03T09:06:00.000-08:002009-11-03T09:17:56.384-08:00बिगड़ैल ड्रैगन...एक और चालअपनी फितरत के मुताबिक....चीन ने एक बार फिर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश शुरु कर दी है.....इस बार उसका मुद्दा हैं......तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा.....चीन ने दलाई लामा की अरूणाचल प्रदेश यात्रा को एक अलगाववादी गतिविधि करार दे दिया है......और कहा....लामा चीन और भारत के संबंधों में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं......दरअसल तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा...अगले हफ्ते 8 नवम्बर को अरुणाचल दौरा करने वाले हैं.....जिसके कई हिस्सों पर चीन बहुत पहले से अपना दावा करता रहा है.....चीनी सरकार इस यात्रा का विरोध पहले भी कर चुकी है.....चीन ने दलाई लामा के इस दौरे की बार-बार आलोचना भी की है......चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को दलाई लामा की गतिविधियों की निंदा की और कहा........दलाई लामा अक्सर झूठ बोलते हैं और अन्य देशों के साथ चीन के संबंधों को क्षति पहुंचाने की कोशिश में लगे रहते हैं.......वाह भई वाह......चीन को अगर कोई सच्चाई का आइना दिखा दे वो उसके बुरा हो जाता है.....जैसे दलाई लामा उसके लिए बुरे हैं......साथ ही उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा......मुझे पूरा भरोसा है कि भारत के साथ चीन के संबंधों को क्षति पहुंचाने की दलाई लामा की कोशिशें सफल नहीं हो पाएंगी.....अब आप ही बताइये ये विश्वास फिजूल नहीं तो और क्या है......अरे भैया आपने विश्वास तो जता दिया लेकिन ये विश्वास जताया किस पर है.....मुगालते में तो रहना मत की भारत इस मामले में कुछ करेगा.....वहीं चीन नाम के इस गिरगिट अपना दूसरा रंग भी इसी मुद्दे के साथ एक नया मुद्दा उठाते हुए दिखाया.....चीन ने कश्मीर के लोगों के अलग वीजा देने की नीति अपना रखी थी...जिसको देखते हुए भारत नें कई बार विरोध भी दर्ज कराया.....लेकिन नतीजा निकला सिफ़र.........भारत ने मित्र देशों के नागरिकों के लिये व्यापारिक वीजा पालिसी को काफी आसान कर रखा था...नतीजन देश में काम हासिल करने वाली चीनी कंपनियां अपने अधिकारियों को तो लेकर आय़ी हीं......अपने मजदूर भी लेकर भारत आने लगे.......यानि की चीन को बच्चा समझकर कंधे पर बैठाया तो उसने कान में ही **** दिया.....चीन की इस हरकत को देखते हुए भारत ने व्यापरिक वीजा के नियमों में बदलाव किया जिस पर चीन को फिर आपत्ति है........भारत ने इसके बाद से वीजा देने के लिए कुछ कड़े दिशानिर्देश भी जारी किए हैं....जो शायद चीन को रास नहीं आ रहे हैं.....इसके मद्देनजर चीन का कहना है की....भारत में चल रहे कई कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट उधूरे पड़े हैं......और हमे इसका अफसोस है....वाह भैई फिजूल का अफसोस भी जता दिया....अफसोस जताने के बाद चीन का कहना है......हम वीजा की इस परेशानी का जल्द ही कोई हल निकाल लेंगे.....क्योंकि भारत को हमारे तकनीशियनों की जरूरत जरूर पड़ेगी.....वाह भैई सब कुछ करने के बाद भी ये आशा लगाए बैठें ड्रैगन जनाब की भारत ही उनके सामने हाथ फैलाकर.....उनसे उनके तकनीशियनों की मांग करेगा.....कभी-कभी इंसान को गलतफ़हमी में भी जीना चाहिए और चीन उसी गलतफ़हमी में जी रहा है.....।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-62667856839662582672009-08-25T03:17:00.000-07:002009-08-25T03:19:25.982-07:00आहट...ज़ख्म मुस्कुराते हैं अब भी तेरी आहट पर,<br />दर्द भूल जाते हैं अब भी तेरी आहट पर...।<br /><span class=""></span><br />शबनमी-सितारों पर फूल खिलने लगते हैं,<br />चांद मुस्कुराते हैं अब भी तेरी आहट पर...।<br /><span class=""></span><br />उम्र काट दी लेकिन बचपना नहीं जाता,<br />हम दिए जलाते हैं अब भी तेरी आहट पर...।<br /><span class=""></span><br />तेरी याद आए तो नींद जाती रहती है,<br />हम ख़ुशी मनाते हैं अब भी तेरी आहट पर...।<br /><span class=""></span><br />अब भी तेरी आहट पर चांद मुस्कुराते हैं,<br />ख्वाब गुनगुनाते हैं, अब भी तेरी आहट पर...।<br /><span class=""></span><br />अब भी तेरी आहट पर आस लौट आती है,<br />अश्क हम बहाते हैं, अब भी तेरी आहट पर...।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-80035897065886588412009-06-11T08:00:00.000-07:002009-06-11T08:01:46.877-07:00जलन…<strong>जी हां जलन...अगर जलन को ही दूसरे शब्दों में कहा जाए तो दूसरे की सफलता आंखों में खटकना...और वो भी जब...जब आपको पता हो की जो दूसरा कर सकता है वो मैं नहीं...कर सकता...ये वो जलन ही है जिसके चलते अच्छे से अच्छे दोस्त दुश्मन बन जाते हैं...आपका सवाल होगा की वो कैसे...तो सुनिए...एक ऑफिस की कहानी...जहां...एक व्यक्ति कार्यरत था जिसका नाम था...राम...वो इस संस्थान से जुड़ने से पहले कहीं और काम करता था जहां उसका एक दोस्त था...रहीम...अब राम ने तो नया ऑफिस ज्वॉइन कर लिया...तो ज़ाहिर सी बात है की उसकी जान-पहचान भी नए लोगों से हुई होगी...उनमें से ही एक था...श्याम...जो राम का जूनियर था...लेकिन दोनों के बीच की बॉंडिंग बहुत ही मज़बूत थी...लेकिन एक दिन राम का पुराना मित्र रहीम भी इस नए संस्थान से जुड़ गया...श्याम रहीम का भी जूनियर ही था...श्याम की रहीम के साथ भी अच्छी बनने लगी...यहां एक मोड़ आया...वो था काम को लेकर...रहीम बहुत ही अच्छा काम जानने वाला व्यक्ति था...जिससे श्याम काफी ज्यादा प्रभावित था...वो आए दिन राम से रहीम की तारीफ करता रहता था...जो शायद राम को अच्छा नहीं लगता था...धीरे-धीरे राम रहीम से जलने लगा...और ये जलन कब असुरक्षा(INSUCURITY) में बदली ये पता ही नहीं चला...और इसका परिणाम ये निकला की इस जलन के चलते उसने अपना एक दोस्त तो खोया ही साथ ही कही न कही एक ऐसे शागिर्द को भी खो दिया जो उसके एक इशारे पर मरने मारने को तैयार बैठा रहता था...इस कहानी से आपको समझ तो आया ही होगा की ये जलन क्या होती है...</strong>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-9858788355092602682009-05-27T06:21:00.001-07:002009-05-27T06:22:13.992-07:00आज का मनहूस दिन...<strong>जी हां...आज मेरा यानि के रोहित कुमार शर्मा का जन्मदिन है...और आज ये शुभ दिन में शायद ही कभी भूल पाऊं...क्योंकि आज बहुत कुछ ऐसा हुआ है जो जिसकी शायद मैनें कभी कल्पना भी नहीं करी थी...वैसे आपने सुना तो होगा ही...कुत्ता सबसे वफादार जानवार होता है...लेकिन एक ऐसा जानवर औऱ है जो इससे ज्यादा वफादार होता है...आप चौंकिए मत...उसका नाम है...ड्रैगन...यानि के मैं...रोहित कुमार शर्मा...मुझे लोग मेरे नाम के बजाए ड्रैगन के नाम से जानते हैं...लेकिन आज मुझे जो बर्थ डे गिफ्ट मिला है वो तो गज़ब का ही है...अब तक तो आप समझ चुके होंगे की मैं क्या कहना चाहता हूं...मैं कहना चाहता हूं...की मुझे इस वफादारी के बदले कुछ मिला है और वो है...दुत्कार...जी हां...जिस व्यक्ति पर मैंने आंखें मूंद कर भरोसा किया...यहां तक की अपने ही ऑफिस के कई लोगों से लड़ाईंयां तक कीं...उसके लिए गधे की तरह काम किया...आज उसने ही मुझ पर आरोप लगाते हुए कह दिया की मैं...अपनी टीम में राजनीति कर रहा हूं...इस बात से मुझे खासा धक्का तो लगा लेकिन इस घटना से मेरी आंखें ज़रूर खुल गईं...की मीडिया क्या इस दुनिया में सब अकेले हैं...कोई तुम्हारा नहीं...इसलिए आप से मेरा अनुरोध है की किसी भी व्यक्ति पर आँखें मूंद कर विश्वास ना करें...ये मेरे इस जन्म दिन पर मिले पहले उपहार की रही अब बात दूसरे उपहार की...जी हां...एक और मिला है...किसी और से नहीं...बल्कि उससे जिससे मैं अपने माता-पिता को छोड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा मुहब्बत करता हूं...यानि के एक ऐसा इंसान...जो मुझे बहुत प्यारा है...लेकिन मैं तो उसकी आंखों में बुरी तरह खटकता हूं...उसने मुझे मेरे जन्मदिन पर अब तक तो बधाई दी ही नहीं यही मेरा दूसरा उपहार रहा...<br />रोहित कुमार शर्मा</strong>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-70583774644258330692009-05-26T09:09:00.000-07:002009-05-26T09:10:37.805-07:00ममता ने संभाला कार्यभार...<strong></strong><br /><strong>आखिरकार...बंगाल वाली दीदी ने...रेल संभाल ही ली...और तमाम लोगों को राहत भी दे दी...जो मंत्रालय का कार्यभार संभालने को किसी नई मुसीबत की आहट समझ रहे थे....लेकिन दीदी ने ऐसा कुछ नही किया और थोडी से मनुहार के बाद...रेल को हरी झंडी दिखा ही दी...लेकिन सहाब दीदी का अंदाज...उनके बयानों और उनकी सोच के अनुरूप ही था....एक सीधा.साधा और सपाट...उन्होने अपने अंदाज से सबको चौकाने के साथ ही परंपराओं को पीछे छोड़ दिया...और कोलकाता में अपने समर्थकों के बीच ही..मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया...दिल्ली में कार्यभार ना संभालने की वजह भी...उन्होंने पश्चिम बंगाल में हुई तबाही को बताया...जिस वजह से जब उनके लोग परेशान थे तो वो दिल्ली नहीं जा सकती थी...वैसे...ममता सोमवार को ही तूफान प्रभावितों की मदद के सिलसिले में प्रणब दा से कई बार बातचीत भी कर चुकी हैं....और कुछ दिनों तक रेल मंत्रालय को कोलकाता से ही संभालेंगी...हालाकि कि ममता पहले भी ये कह चुकी हैं..वो पांच दिन कोलकाता में और दो दिन दिल्ली में रहेंगी....जाहिर है ममता की कामना कुछ बड़ा पाने की है...और रेल मंत्रालय तो इसकी शुरूआत भर है...उनका असली मकसद..तो कुछ और है..जिसे वो राज्य की सियासत के बदले हालातों में जल्द से जल्द पा लेना चाहती हैं..ताकि...बंगाल के लालों को हरी क्षंड़ी दिखाकर...रेल के साथ साथ..सियासत भी अपनी मर्जी से ही चलाऐ जाऐ.....हांलाकि ममता के मंत्रालय संभालने के बाद.. तृणमूल कांग्रेस के चार सांसद सौगत राय, शिशिर अधिकारी, सी.एम जटुआ और मुकुल राय मंत्रीमंडल के विस्तार में शामिल होने के लिए...दिल्ली रवाना हो चुके हैं...।</strong>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-70759117389908632462009-05-26T04:03:00.001-07:002009-05-26T04:03:52.208-07:00अंट-शंटमैं एक दिन ब्लॉग लिखने बैठा...सिस्टम के सामने बैठने से पहले मेरे दिमाग़ में बहुत सारे विषय थे लेकिन बैठते ही नाजाने सारे विषय कहां चले गए...तभी एकाएक मैने सोचा की सभी ब्लॉगर कुछ ना कुछ लिखते रहते हैं...और उनके विषय भी रोचक होते हैं...लेकिन ये तो ज्यादातर अंट-शंट ही होते हैं...जैसे की...क्या हनुमान जी के और भी पांच भाई थे...हाथ पीले हो गए...चेंजिंग रूम...(मैं किसी भी ब्लॉगर की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता हूं...अगर मुझसे किसी तरह की गलती हो गई हो तो मुझे माफ करें...)। ये भी क्या कोई विषय हैं...अरे कुछ ऐसा लिखो जिसे पढ़कर किसीको किसी तरह की मदद मिले...अंट-शंट लिखने लग जाते हैं...लोग-बाग...ये तो मात्र बक***यां हैं...अगर यही करना है तो अपने दोस्तों के साथ महफिल जमाओ...और जितनी मर्ज़ी बक*** करनी है करो...इसी को देखते हुए मैंने भी सोचा की कुछ अंट-शंट ही लिख लिया जाए...तो लीजिए हम ने लिख डाला अंट-शंट...rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-81170427481175200302009-05-22T07:46:00.000-07:002009-05-27T05:47:53.017-07:00डा.मनमोहन सिंह और 19 मंत्रियों ने ली शपथ...दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र अठाहरवें...के सत्रहवें प्रधानमंत्री के रूप में...डा.मनमोहन सिंह ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह शपथ ली...और मंत्रिमंडल को लेकर चल रही माथापच्ची के बाद...मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले 19 मंत्रियों ने भी शपथ...ली...जिनमें 3 महिलाएं भी थीं...इन सभी के नाम यूपीए प्रमुख...सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री ने पाइनल किए थे...प्रधानमंत्री के इस नए मंत्रिमंडल में पी. चिदंबरम...प्रणव मुखर्जी...ए. के. ऐंटनी...शरद पवार...कपिल सिब्बल...आनंद शर्मा...सी. पी. जोशी...एस.एम.कृष्णा...गुलाम नबी आजाद...बी. के. हांडिक...मुरली देवड़ा...वीरप्पा मोइली...ममता बनर्जी...सुसील कुमार शिंदे...जयपाल रेड्डी...मीरा कुमार...अंबिका सोनी...वायलार रवि और कमलनाथ शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक आज जिन मंत्रियों ने शपथ ली उनको यूपीए चेअरपर्सन सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फोन कर सूचित किया था। बहरहाल ये शपथ ग्रहण समारोह...संपन्न हो गया...लेकिन जो रस्साकसी मंत्रिमंडल को लेकर चल रही है...अब वो और तेज़ हो सकती है...ऐसा माना भी जा रहा की जिन लोगों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई उन्हें मंगलवार को शपथ दिलाई जाएगी। मंगलवार को जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, जतिन प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया शपथ लेने वालों में शामिल हो सकते हैं...rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-52578157075856762632009-01-17T05:45:00.000-08:002009-01-17T05:46:42.040-08:00पाकिस्तान की फितरत, इंकार करने की फितरतभारत ने पाकिस्तान को जो सबूत सौंपे है...और जिन्हें पाकिस्तान सिर्फ जानकारी या सूचना मात्र ही मान रहा है...वो हैं...<br /><br />पहला सबूत<br />अजमल आमिर कसाब का कबूलनामा।<br /><br />दूसरा सबूत<br />ताज होटल और नरीमन हाउस में हमला कर रहे आतंकवादियों की पाक या पीओके में बैठे अपने आकाओं से सैटलाइट फोन के जरिए हुई बातचीत की कॉल डिटेल।<br /><br />तीसरा सबूत<br />हालाकिं आकाओं की पहचान पुख्ता नहीं है, लेकिन आशंका कि ये मुजम्मिल, अबू काफा, जरार शाह या लखवी हो सकते हैं। बातचीत की वॉइस मैपिंग भी की गई है।<br /><br />चौथा सबूत<br />सैटलाइट फोन के वो सभी नंबर जिनसे भारत से बहार कॉल हुई और जिन पर कॉल रिसीव की गई। इन नंबरों से इनकी लोकेशन का पता लगाना काफी आसान हुआ।<br /><br />पांचवां सबूत<br />आतंकवादियों के आका अफगानिस्तान के क्वेटा और जलालाबाद के अलावा, दुबई और अबू धाबी गए। मुजफ्फराबाद और कराची से इनका मूवमेंट भी दर्ज हैं।<br /><br />छठा सबूत़<br />गिलगिट में आईएसआई के एक टॉप जनरल और स्टाफ ऑफिसर के बीच 26/11 के अटैक के बारे में हुई बातचीत का रिकॉर्ड।<br /><br />सातवां सबूत<br />कराची से मुंबई आने के लिए हाइजैक किए गए फिशिंग ट्रॉलर एमवी कुबेर से मिली लॉग बुक।<br /><br />आठवां सबूत<br />ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस सेट जिसके ज़रिए आतंकी मुंबई पहुंचने में कामयाब हुए।<br /><br />नौवां सबूत<br />पाक निर्मित नाइन एमएम की पिस्तौलें जो की पेशावर की डायमंड नेवी फ्रंटियर आर्म्स कम्पनी...में बनाई गई हैं।<br /><br />दसवां सबूत<br />ऑस्ट्रिया की जिस कम्पनी में घटना को अंजाम देने वाले हथगोले बने हैं उसकी फ्रेंचाइज़ी पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित एक ऑर्डेनेंस फैक्ट्री के पास है।<br /><br />लेकिन पाक के लिए ये सबूत उसकी हरकतों,मुबई हमलों में उसके हाथ ही नही गले तक धंसे होने के सबूत नही सिर्फ सूचनाऐं हैं ।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-85136436844497238532009-01-17T05:43:00.000-08:002009-01-17T05:44:39.092-08:00कश्मीर बना आरामगाहकश्मीर...या फिर यूं कहें धरती का स्वर्ग...लेकिन इस स्वर्ग को पिछले कई सालों से आतंकियों की गोलियों से तार-तार होना पड़ रहा है...लेकिन कश्मीर की तस्वीर का एक और पहलू है और वो बड़ा ही सुखद है। मनोहारी कश्मीर की जिन पर्वत श्रृंखलाओं में आतंकियों ने पनाह तलाशी, उन्हीं में तेजी से गायब हो रहे स्नो लेपर्ड यानी हिम तेंदुए को भी सुरक्षित ठिकाने मिले। यही वजह है कि यह खूबसूरत प्राणी जम्मू-कश्मीर में कहीं ज्यादा चैन से रह रहे है। भारत सरकार भी अब प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड शुरू करने जा रही है, जिससे इनकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद जगी है। जम्मू-कश्मीर के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन एके श्रीवास्तव के मुताबिक- जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्ताराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड को स्वीकृति मिली है और अब हाथी और टाइगर प्रोजेक्ट की ही तरह प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड भी शुरू होगा। उन्हें भरोसा है कि सरकारी संसाधन जुटने के बाद कश्मीर की बर्फ से ढकी चोटियां हिम तेंदुए को और भी बेहतर माहौल दे सकेंगी। वो कहते हैं कि इन इलाकों में अगर यह जानवर कुछ दिख रहा है, तो इसका श्रेय स्थानीय लोगों को है, जिनकी कोशिशों से इन्हें बेहतर पनाह मिली है।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-89873266479415138402009-01-02T06:23:00.000-08:002009-01-02T06:31:05.705-08:00ख़ुशियां बदली मातम में...दुनिया भर में नए साल का स्वागत किया जै रहा था...भारत में भी 2009 का स्वागत बड़ी ही गर्मजोशी के साथ किया गया...भारत के एक पूर्वोत्तर राज्य असम में भी लोग नए साल के आगमन में लगे हुए थे...लेकिन उनकी खुशियां किसी से देखी नहीं...गईं जी हां..असम में आतंकवादियों ने एक के बाद एक तीन सिलसिलेवार बम धमाके कर राजधानी गुवाहाटी को दहला कर रख दिया...इस आतंकी घटना में नौं लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी...50 से ज्यादा लोग घायल हो गए...इस आतंकी घटना में उल्फा का हाथ होने की बात पुलिस ने पूरी तरह से स्वीकार ली है...।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-55976270895312110512008-12-14T00:13:00.000-08:002008-12-14T00:14:17.999-08:00एयर कार बचाएगी तेल का खर्चजहां आज दुनिया मंदी के दौर से गुज़र रही है.....जिसके कहर से कोई भी देश बच नहीं पाया है......इस कहर का सीधा असर आम आदमी पर भी पड़ा है.....और ऊपर से पैट्रोल डीज़ल की आसमान छूती कीमतों ने तो आम आदमी की बस कमर ही तोड़ रखी है......कुछ समय पहले तक कार निर्माता कंपनियां तेल को कभी न कम होने वाले रिसोर्स के तौर पर देखती थीं........लेकिन बढ़ती तेल कीमतों और लगातार कम होते भंडार ने उन्हें दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया है.....ऐसे में अब जोर इस बात पर है कि लोग ईंधन के ऐसे वैकल्पिक साधनों का इस्तेमाल करें......जो उनके खर्च को कम से कम रख सकें.....आज के दौर में सीएनजी को.......पेट्रोल और डीजल के सबसे लोकप्रिय विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है...........इस ईंधन का खर्च तो कम है ही, साथ ही इसे आसानी से हासिल भी किया जा सकता है। 19 रुपए प्रति किलो की दर पर मिलने वाली सीएनजी से गाड़ी चलाने का खर्च एक रुपए प्रति किमी के करीब आता है, जबकि पेट्रोल से गाड़ी चलाने पर आपको प्रति किमी साढ़े तीन रुपए खर्च करने पड़ते हैं....पेट्रोल और डीजल के मुकाबले एलपीजी भी काफी सस्ती है, लेकिन सीएनजी से सस्ती नहीं........दिल्ली में एलपीजी की कीमत है करीब 36 रुपए प्रति लीटर........इससे माइलेज तो पेट्रोल के बराबर ही मिलता है, लेकिन इसकी कम कीमत रनिंग कॉस्ट को कम कर देती है......मारुति......वैगन आर और 800.........को एलपीजी के साथ बाज़ार में पेश कर चुकी है.......जबकि हिंदुस्तान मोटर्स की लांसर सीडिया और सीडान भी एलपीजी में आती है.....ह्यूंडाई / ह्यूंदै मोटर्स भी सैंट्रो और एक्सेंट को एलपीजी में लॉन्च करने वाली है.........वहीं एक तरफ है हाईड्रोजन जिसे भविष्य का ईंधन माना जा रहा है। इसे साफ-सुथरा ईंधन भी कहा जाता है क्योंकि इससे हानिकारक पदार्थों का उत्सर्जन नहीं होता है.........इसके साथ दिक्कत यह है कि इसकी स्टोरेज एक खास तापमान पर ही होती है और इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का खर्च भी बहुत ज्यादा आता है। द सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स..............हाइड्रोजन के सीएनजी ब्लेंड को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं........अब बात एयर पावर की.........टाटा मोटर्स की कोशिशें कामयाब रहीं....तो जल्दी ही एयर पावर की मदद से लोग गाड़ियां चलाने में कामयाब हो पाएंगे। टाटा मोटर्स ने एक फ्रेंच कंपनी से ऐसी तकनीक हासिल की है...जिसमें कंप्रेस्ड एयर की मदद से वाहन चलाए जा सकते हैं और उनसे पौल्यूशन भी नहीं होता.........अगर यह तकनीक कामयाब हो गई तो इसकी मदद से एक कार को 100 किमी चलाने का खर्च 67 रुपए आएगा। एक खास बात और ये है की एयर पावर से चलने वाली कारों की रीफिलिंग भी नॉर्मल फिलिंग स्टेशन पर ही होगी और सौ रुपए के ईंधन में आप कार को 200 किमी तक चलाने में कामयाब हो जाएंगे। टाटा मोटर्स की योजना इस तकनीक को इंडिका कार के साथ लॉन्च करने की है। एयर पावर को भी टक्कर देने वाले कई सारे ईंधन के रूप जल्द ही बाज़ार में उपलब्ध होने वाले जिनकी सहायता से इस मंदी के दौर में आम आदमी कार में चलने के बारे में सोच सकता है......।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-3829635022688995862008-12-14T00:11:00.000-08:002008-12-14T00:12:47.489-08:00टाटा की नई पेशकशटाटा ने अपनी लखटकिया कार नैनो के आने से पहले ही उसके नाम से लोगों को इतना लुभा लिया....की हर कोई टाटा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का मुरीद हो गया......नैनो तो अगले साल जुलाई तक बाज़ार में आने ही वाली है......इसके अलावा टाटा ने एक और प्रोजेक्ट पर काम शुरु कर दिया है जिसके तहत वो एक ऐसी कार बनाने जा रहे हैं....जो की पैट्रोल और डीज़ल से ना चलकर हवा से चलेगी....जी हां....आपने सही सुना ये कार हवा से ही चलेगी....और इस कार का नाम होगा टाटा सिटी केट.......इस कार को बनाने की शुरूआत होती है लक्समबर्ग से....लक्समबर्ग के मोटेर डवलपमेंट इंस्टिट्यूट मे इस कार का प्रोटोटाइप बनकर तैयार है....इस कार के अविष्कारक हैं पूर्व फार्मूला वन इंजीनियर गाय नेगर....गाय नेगर ने इस प्रदूषणरहित कार का प्रोटोटाइप बनाकर मोटर जगत में एक हलचल पैदा कर दी है...इस कार की डिजायन बनाने में लगभग 10 साल का समय लगा है....नेगर के मुताबिक एक बार शुरू होने के बाद यह कार 150 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड सकती है और 200 किमी तक का सफर तय कर सकती है....हांलांकि यह कार हवा से चलती है, इसमे एयर पम्प की सहायता से हवा भरी जाती है, जो इसके फायबर से बने टेंक में कम्प्रेस्ड रूप मे इकट्ठी हो जाती है....हवा भरने में सिर्फ 2 मिनट का ही वक्त लगता है......कार के चलते ही ये हवा फैलती है और इंजिन में पिस्टन को धकेलती है जिससे उसे गति प्राप्त होती है....इसके अलावा यह इंजिन वातावरण मे मौजूद गर्मी को शोषित कर और ज्यादा ऊर्जा प्राप्त करता है.....कार का एयरकंडिश्निंग सिस्टम भी इसी हवा से चलता है......बहरहाल यह कार पूरी तरह से प्रदूषणरहित है जिसकी वजह से इसका मेंटेनेंस खर्च भी बहुत कम है.....एक अनुमान के मुताबिक ये कार 100 रूपये मे करीब 200 किलोमीटर तक चल सकती है.......एम.डी.आई. इंस्टीट्यूट ने अपने विस्तारण की योजना के अंतर्गत कई यूरोपीय और एशियन कम्पनियों के साथ करार किए हैं.......टाटा मोटर्स भी इनमें से एक प्रमुख साझेदार बना है. एम.डी.आई. के मुताबिक टाटा मोटर्स की भागीदारी से कम्पनी को तकनीकी सलाह मिलेगी और टाटा मोटर्स के अनुभव से इस प्रोजेक्ट को काफी मदद मिलेगी.....टाटा मोटर्स का दावा है कि इस कार को और बेहतर बनाने और इसको ज्यादा कार्यक्षम बनाने में अभी कम से कम दो साल का वक्त लगेगा.....अभी इसकी तकनीक में सुधार की काफी सम्भावना है.......इसके अलावा इस कार को हाइब्रिड रूप भी दिया जा रहा है जिससे यह कार हवा और ईंधन दोनों से चल सके.......अभी यह प्रोजेक्ट शुरूआती दौर मे है, लेकिन जल्द ही भारत की सडकों पर एक ऐसी कार दौडेगी जो हवा से चलेगी..........लेकिन तबतक आप और हम लखटकिया कार से संतुष्ट रह सकते हैं................।rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-68436104661609564252008-11-22T15:59:00.000-08:002008-11-22T16:00:33.619-08:00पत्रकारिता का सौदा...दिल्ली की रात जिसके अंधेरे में होता है...एक ऐसा खेल जिसके बार में सुनते ही आपके होश फाख्ता हो जाएंगे....जी हां ये है वो खेल जिसे खेलना वाला कोई और नहीं ब्लकि होता है देश का चौथा स्तंभ....पत्रकार...और यही पत्रकार खेलता है इस खेल को....आप सोच रहे होंगे की वो कौन सा खेल खेलते हैं....वो इस खेल में करते हैं सौदा भी....और वो भी कोई छोटा-मोटा सौदा नहीं....वो सौदा करते हैं विज्युल्स का जिसे कहते हैं...ट्रांसफर कहते हैं...इस खेल में हर चैनल का पत्रकार हिस्सा लेता....चांहे वो बड़े चैनल से ताल्लुक रखता हो या छोटे से....और ये खेल होता है दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पीवीआर रिवोली के सामने...इसी के साथ इन पत्रकारों में इतनी एकता है कि वहां की दुकान वाला उन्हें चाय के पैसे देने के लिए कहता है तो ये लोग उसे ये कहके धमकाते हैं कि अगर वो पैसे मांगेगा तो वो उसके खिलाफ खबर दिखा देंगे की वो देर रात तक दुकान खोलता है...ये लोग वहीं इकट्ठा होकर किसी भी स्टोरी को ड्रोप करने का माद्दा तक रखते हैं...चांहे वो खबर कितनी अच्छी क्यों ना हो...मैं इस लेख के ज़रिए आपको दिखाना चाहता हूं आज के पत्रकार का असली चेहरा....इसके बारे में अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दें...<br />रोहित कुमार शर्माrohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-52318729391421841742008-11-21T21:46:00.000-08:002008-11-21T21:57:37.036-08:00सेक्स पर भारी सेंसेक्सआज दुनिया एक ऐसे वैश्विक संकट से गुजर रही है....जिसका हल निकालना मुश्किल लग रहा है...अगर इसका हल निकल भी गया तो इससे उबरने में एक लम्बा वक्त लगने वाला है....जी हां आपने सही सोचा.....ये संकट है आर्थिक मंदी...जिसने दुनिया भर के निवेशकों के दिलों में एक अजीब सी ही दहशत पैदा कर दी है...आर्थिक मंदी के कारण भारतीय दम्पतियों के रिश्तों में खटास आने लगी है...नौबत यहां तक आ गई है की तलाक तक होने लगे हैं....क्योंकि आर्थिक मंदी ने इनकी सेक्सुयल लाइफ को पूरी तरह डिस्टर्ब कर दिया है...एक शोध के मुताबिक भारतीय कपल्स की अंडरस्टेंडिंग बहुत ही खराब हो चुकी है...भारतीय मनौवैज्ञानिकों की माने तो....इस संबंध में किए गए आकलन से ये बात सामने आई है कि जिस तरह से शेयर बाजार का सेंसेक्स ऊपर-नीचे हो रहा है....उसी तरह लोगों की सेक्सुअल लाइफ भी प्राभावित हो रही है....मनौवैज्ञानिकों का मानना तो यहां तक है की मंदी से कई भारतीयों की सेक्सुअल लाइफ ठंडी पड़ चुकी हैं....बेडरूम में फाइनेंशियल क्राइसिस के असर की स्टडी के लिए भारत, आमेरिका और यूरोप में ज्वाइंट रिसर्च की जा रही है......इस स्टडी में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ सेक्सोलॉजिस्टस की भी मदद ली जा रही है.....। वहीं लंदन में की गई एक स्टडी के मुताबिक शेयर मार्केट में कामयाबी के लिए सेक्स हॉर्मोन टेस्ट्सटेरॉन जिम्मेदार होते हैं। अगर सुबह के समय इन हॉर्मोन्स का लेवल हाई रहता है तो दिन में मुनाफे के ज्यादा चांस रहते हैं.....कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई इस दिलचस्प रिसर्च के मुताबिक टेस्ट्सटेरान हॉर्मोन के असर से आत्मविश्वास और रिस्क लेने की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाती है। फाइनेंशिल ट्रेडिंग में कामयाबी के लिए इन दोनों ही गुणों की सख्त जरूरत होती है....मार्केट में काम करने वाले खासा तनाव और दबाव महसूस करते हैं......उनके द्वारा इन सबके बीच किए गए फैसले कई बार उनके बिजनेस ही नहीं बल्कि पूरे मार्केट पर लम्बे समय के लिए असर डालने वाले होते हैं.......लंदन की ये रिसर्च बताती है कि ये फैसले भावनात्मक और हॉर्मोन से जुड़े कारकों से प्रभावित हो सकते हैं.......रिसर्च के मुताबिक खासे दबाव के बीच वित्तीय फैसले लेने से जुड़ी कोई भी थ्योरी हॉर्मोन के कारक की अनदेखी नहीं कर सकती। बिना अनुमान के लिया गया जोखिम खतरनाक हो सकता है। इसके मुताबिक मार्केट के माहौल में कोई ट्रेडर कैसा काम करता है , इसमें भी उसके हॉर्मोन की अहम भूमिका होती है। स्टडी से जुड़े प्रोफेसर जो हर्बट के मुताबिक अब हॉर्मोन लेवल के मार्केट पर व्यापक प्रभावों की जांच की जा रही है। इन नतीजों के साथ ही एक चेतावनी भी है वो ये है कि टेस्ट्सटेरान हॉर्मोन का जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ लेवल गैर जरूरी रिस्क लेने के लिए भी उकसा सकता है.....हॉर्मोन का ट्रेडरों पर असर जांचने के लिए रिसर्चरों ने उनका दिन में दो बार सलाइवा टेस्ट किया। एक बार बिजनेस से पहले और दूसरा दिन भर के काम के बाद। सैंपलिंग लेने के टाइम ट्रेडरों के प्राफिट और लॉस का भी हिसाब रखा गया। इस डेटा की एनालिसिस करके निष्कर्ष दिए गए........रिसर्च बताते हैं कि 9/11 की घटना के बाद अमेरिकी कपल्स ने इस सदमे से उबरने के लिए सेक्स का सहारा लिया था.....और इसका एक अच्छा असर देखने को भी मिला जिसके बाद 85 फीसदी कपल्स इस सदमे से उबरने में कामयाब रहे...इन दोनों ही रिसर्चों के बाद ये कहना गलत नहीं होगा की ज्यादातर पश्चिमी देश विकसित इसी लिए हैं कि उनके पास नाकामयाबी को भी कामयाबी में बदलने का हर नुस्खा मौजूद है........<br />रोहित कुमार शर्माrohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-72560576453280327992008-11-21T07:38:00.000-08:002008-11-21T07:45:23.069-08:00सोमालिया के समुद्री लुटेरों की अब खेर नहीं<div align="justify">जहां आजकल चारों ओर आर्थिक मंदी की आग फैली हुई है जिसने कई ज़िंदगियां तबाह कर के रख दी हैं...आर्थिक मंदी की वजह से लोग अपनी रोज़-मर्राह की ज़रूरतों या यूं कहें की अपनी रोज़ाना की सहूलियतों को तक में कम करने को मजबूर हैं....लेकिन सोमालिया के समुद्री लुटेरों पर इस मंदी का कोई असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा है...वो तो दिनों दिन अपनी शैतानियत की वजह से खूब मजे ले रहे हैं...और आए दिन किसी न किसी जलपोत को अगुवा करके भारी-भरकम फिरौती वसूलते रहते हैं...इनकी इसी शैतानियत पर लगाम लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने भारतीय नौसेना को सोमालियाई जल क्षेत्र में घुसकर इन जल दस्युओं को ठिकाने लगाने की अनुमति दे दी है....जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि को प्रस्ताव संख्या 1838 के हवाले से स्पष्ट किया गया है........कि दूसरे देशों की नौसेनाओं के जैसे ही इंडियन नेवी भी सोमालिया के जल क्षेत्र में जाकर इन समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है..........अरब सागर में तैनाती के समय भारत दूसरे देशों की नौसेनाओं के साथ अनौपचारिक तौर पर सहयोग कर रहा है। हिंद महासागरीय ताकतों के साथ भारतीय नौसेना तालमेल कायम कर रही है और नाटो देशों के जंगी जहाजों के साथ भी अनौपचारिक तौर पर काम कर रही है............अलबत्ता भारत किसी भी कीमत पर वहां सक्रिय तीनों में से किसी भी गठबंधन के बैनर तले नहीं खड़ा होगा.......वह सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के तहत ही काम करने को तैयार है...........इस बीच यह भी स्पष्ट है कि अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना दो जंगी पोत तैनात नहीं कर रही है, बल्कि उसका विध्वंसक जंगी पोत आईएनए मैसूर इस समय वहां गश्त कर रहे आईएनएस तबर का स्थान लेगा.........दिल्ली क्लास का विध्वंसक जंगी पोत आईएनएस मैसूर मौजूदा पोत से कहीं ज्यादा ताकतवर है। सोमालियाई सरकार ने पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र को लिखी एक चिट्ठी में अनुरोध किया था कि जल दस्युओं से निपटने का कोई रास्ता जल्द ही निकाला जाए। इस अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने 8 अक्टूबर को प्रस्ताव 1838 पारित किया। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1814 और 1816 पहले से ही लागू थे। इसी बीच, अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की कार्रवाई से प्रभावित अंतरराष्ट्रीय नौवहन एजेंसी के एक बड़े अधिकारी ने भारत की तर्ज पर अफ्रीकी जल क्षेत्र में मौजूद सभी विदेशी नौसेनाओं के संदिग्ध जहाजों को रोककर उनकी तलाशी लेने की पैरवी करते हुए कहा कि इससे डकैतों के अभियान को नाकाम करने में मदद मिल सकेगी.........। लेकिन कुछ भी अब भारतीय नौसेना ही इन समुद्री लुटेरों की नाक में नकेल डालने में कामयाब होगी....<br /></div><div align="justify">रोहित कुमार शर्मा</div>rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1712990079075754067.post-10446323460685386852008-11-21T07:08:00.000-08:002008-11-21T07:10:17.697-08:00आपकी नज़र से होगी अब हर खबर...rohithttp://www.blogger.com/profile/13935044116213396120noreply@blogger.com0