Friday, November 21, 2008

सोमालिया के समुद्री लुटेरों की अब खेर नहीं

जहां आजकल चारों ओर आर्थिक मंदी की आग फैली हुई है जिसने कई ज़िंदगियां तबाह कर के रख दी हैं...आर्थिक मंदी की वजह से लोग अपनी रोज़-मर्राह की ज़रूरतों या यूं कहें की अपनी रोज़ाना की सहूलियतों को तक में कम करने को मजबूर हैं....लेकिन सोमालिया के समुद्री लुटेरों पर इस मंदी का कोई असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा है...वो तो दिनों दिन अपनी शैतानियत की वजह से खूब मजे ले रहे हैं...और आए दिन किसी न किसी जलपोत को अगुवा करके भारी-भरकम फिरौती वसूलते रहते हैं...इनकी इसी शैतानियत पर लगाम लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने भारतीय नौसेना को सोमालियाई जल क्षेत्र में घुसकर इन जल दस्युओं को ठिकाने लगाने की अनुमति दे दी है....जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि को प्रस्ताव संख्या 1838 के हवाले से स्पष्ट किया गया है........कि दूसरे देशों की नौसेनाओं के जैसे ही इंडियन नेवी भी सोमालिया के जल क्षेत्र में जाकर इन समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है..........अरब सागर में तैनाती के समय भारत दूसरे देशों की नौसेनाओं के साथ अनौपचारिक तौर पर सहयोग कर रहा है। हिंद महासागरीय ताकतों के साथ भारतीय नौसेना तालमेल कायम कर रही है और नाटो देशों के जंगी जहाजों के साथ भी अनौपचारिक तौर पर काम कर रही है............अलबत्ता भारत किसी भी कीमत पर वहां सक्रिय तीनों में से किसी भी गठबंधन के बैनर तले नहीं खड़ा होगा.......वह सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के तहत ही काम करने को तैयार है...........इस बीच यह भी स्पष्ट है कि अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना दो जंगी पोत तैनात नहीं कर रही है, बल्कि उसका विध्वंसक जंगी पोत आईएनए मैसूर इस समय वहां गश्त कर रहे आईएनएस तबर का स्थान लेगा.........दिल्ली क्लास का विध्वंसक जंगी पोत आईएनएस मैसूर मौजूदा पोत से कहीं ज्यादा ताकतवर है। सोमालियाई सरकार ने पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र को लिखी एक चिट्ठी में अनुरोध किया था कि जल दस्युओं से निपटने का कोई रास्ता जल्द ही निकाला जाए। इस अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने 8 अक्टूबर को प्रस्ताव 1838 पारित किया। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1814 और 1816 पहले से ही लागू थे। इसी बीच, अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की कार्रवाई से प्रभावित अंतरराष्ट्रीय नौवहन एजेंसी के एक बड़े अधिकारी ने भारत की तर्ज पर अफ्रीकी जल क्षेत्र में मौजूद सभी विदेशी नौसेनाओं के संदिग्ध जहाजों को रोककर उनकी तलाशी लेने की पैरवी करते हुए कहा कि इससे डकैतों के अभियान को नाकाम करने में मदद मिल सकेगी.........। लेकिन कुछ भी अब भारतीय नौसेना ही इन समुद्री लुटेरों की नाक में नकेल डालने में कामयाब होगी....
रोहित कुमार शर्मा

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