Friday, November 21, 2008

सेक्स पर भारी सेंसेक्स

आज दुनिया एक ऐसे वैश्विक संकट से गुजर रही है....जिसका हल निकालना मुश्किल लग रहा है...अगर इसका हल निकल भी गया तो इससे उबरने में एक लम्बा वक्त लगने वाला है....जी हां आपने सही सोचा.....ये संकट है आर्थिक मंदी...जिसने दुनिया भर के निवेशकों के दिलों में एक अजीब सी ही दहशत पैदा कर दी है...आर्थिक मंदी के कारण भारतीय दम्पतियों के रिश्तों में खटास आने लगी है...नौबत यहां तक आ गई है की तलाक तक होने लगे हैं....क्योंकि आर्थिक मंदी ने इनकी सेक्सुयल लाइफ को पूरी तरह डिस्टर्ब कर दिया है...एक शोध के मुताबिक भारतीय कपल्स की अंडरस्टेंडिंग बहुत ही खराब हो चुकी है...भारतीय मनौवैज्ञानिकों की माने तो....इस संबंध में किए गए आकलन से ये बात सामने आई है कि जिस तरह से शेयर बाजार का सेंसेक्स ऊपर-नीचे हो रहा है....उसी तरह लोगों की सेक्सुअल लाइफ भी प्राभावित हो रही है....मनौवैज्ञानिकों का मानना तो यहां तक है की मंदी से कई भारतीयों की सेक्सुअल लाइफ ठंडी पड़ चुकी हैं....बेडरूम में फाइनेंशियल क्राइसिस के असर की स्टडी के लिए भारत, आमेरिका और यूरोप में ज्वाइंट रिसर्च की जा रही है......इस स्टडी में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ सेक्सोलॉजिस्टस की भी मदद ली जा रही है.....। वहीं लंदन में की गई एक स्टडी के मुताबिक शेयर मार्केट में कामयाबी के लिए सेक्स हॉर्मोन टेस्ट्सटेरॉन जिम्मेदार होते हैं। अगर सुबह के समय इन हॉर्मोन्स का लेवल हाई रहता है तो दिन में मुनाफे के ज्यादा चांस रहते हैं.....कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई इस दिलचस्प रिसर्च के मुताबिक टेस्ट्सटेरान हॉर्मोन के असर से आत्मविश्वास और रिस्क लेने की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाती है। फाइनेंशिल ट्रेडिंग में कामयाबी के लिए इन दोनों ही गुणों की सख्त जरूरत होती है....मार्केट में काम करने वाले खासा तनाव और दबाव महसूस करते हैं......उनके द्वारा इन सबके बीच किए गए फैसले कई बार उनके बिजनेस ही नहीं बल्कि पूरे मार्केट पर लम्बे समय के लिए असर डालने वाले होते हैं.......लंदन की ये रिसर्च बताती है कि ये फैसले भावनात्मक और हॉर्मोन से जुड़े कारकों से प्रभावित हो सकते हैं.......रिसर्च के मुताबिक खासे दबाव के बीच वित्तीय फैसले लेने से जुड़ी कोई भी थ्योरी हॉर्मोन के कारक की अनदेखी नहीं कर सकती। बिना अनुमान के लिया गया जोखिम खतरनाक हो सकता है। इसके मुताबिक मार्केट के माहौल में कोई ट्रेडर कैसा काम करता है , इसमें भी उसके हॉर्मोन की अहम भूमिका होती है। स्टडी से जुड़े प्रोफेसर जो हर्बट के मुताबिक अब हॉर्मोन लेवल के मार्केट पर व्यापक प्रभावों की जांच की जा रही है। इन नतीजों के साथ ही एक चेतावनी भी है वो ये है कि टेस्ट्सटेरान हॉर्मोन का जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ लेवल गैर जरूरी रिस्क लेने के लिए भी उकसा सकता है.....हॉर्मोन का ट्रेडरों पर असर जांचने के लिए रिसर्चरों ने उनका दिन में दो बार सलाइवा टेस्ट किया। एक बार बिजनेस से पहले और दूसरा दिन भर के काम के बाद। सैंपलिंग लेने के टाइम ट्रेडरों के प्राफिट और लॉस का भी हिसाब रखा गया। इस डेटा की एनालिसिस करके निष्कर्ष दिए गए........रिसर्च बताते हैं कि 9/11 की घटना के बाद अमेरिकी कपल्स ने इस सदमे से उबरने के लिए सेक्स का सहारा लिया था.....और इसका एक अच्छा असर देखने को भी मिला जिसके बाद 85 फीसदी कपल्स इस सदमे से उबरने में कामयाब रहे...इन दोनों ही रिसर्चों के बाद ये कहना गलत नहीं होगा की ज्यादातर पश्चिमी देश विकसित इसी लिए हैं कि उनके पास नाकामयाबी को भी कामयाबी में बदलने का हर नुस्खा मौजूद है........
रोहित कुमार शर्मा

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