Tuesday, May 26, 2009

ममता ने संभाला कार्यभार...


आखिरकार...बंगाल वाली दीदी ने...रेल संभाल ही ली...और तमाम लोगों को राहत भी दे दी...जो मंत्रालय का कार्यभार संभालने को किसी नई मुसीबत की आहट समझ रहे थे....लेकिन दीदी ने ऐसा कुछ नही किया और थोडी से मनुहार के बाद...रेल को हरी झंडी दिखा ही दी...लेकिन सहाब दीदी का अंदाज...उनके बयानों और उनकी सोच के अनुरूप ही था....एक सीधा.साधा और सपाट...उन्होने अपने अंदाज से सबको चौकाने के साथ ही परंपराओं को पीछे छोड़ दिया...और कोलकाता में अपने समर्थकों के बीच ही..मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया...दिल्ली में कार्यभार ना संभालने की वजह भी...उन्होंने पश्चिम बंगाल में हुई तबाही को बताया...जिस वजह से जब उनके लोग परेशान थे तो वो दिल्ली नहीं जा सकती थी...वैसे...ममता सोमवार को ही तूफान प्रभावितों की मदद के सिलसिले में प्रणब दा से कई बार बातचीत भी कर चुकी हैं....और कुछ दिनों तक रेल मंत्रालय को कोलकाता से ही संभालेंगी...हालाकि कि ममता पहले भी ये कह चुकी हैं..वो पांच दिन कोलकाता में और दो दिन दिल्ली में रहेंगी....जाहिर है ममता की कामना कुछ बड़ा पाने की है...और रेल मंत्रालय तो इसकी शुरूआत भर है...उनका असली मकसद..तो कुछ और है..जिसे वो राज्य की सियासत के बदले हालातों में जल्द से जल्द पा लेना चाहती हैं..ताकि...बंगाल के लालों को हरी क्षंड़ी दिखाकर...रेल के साथ साथ..सियासत भी अपनी मर्जी से ही चलाऐ जाऐ.....हांलाकि ममता के मंत्रालय संभालने के बाद.. तृणमूल कांग्रेस के चार सांसद सौगत राय, शिशिर अधिकारी, सी.एम जटुआ और मुकुल राय मंत्रीमंडल के विस्तार में शामिल होने के लिए...दिल्ली रवाना हो चुके हैं...।

2 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

कार्यभार तो संभल लिया है, पूछो कि अग्रिम स्तीफा भी लिख कर रख लिया न ? Coz' she had been in the habit of resigning at the drop of hat.

Udan Tashtari said...

चली ममता जी के रेल,
मची है कितनी ठेलमठेल,
टिकिट खरीदो पैसेन्जर वाला,
भाग के पकड़ो हावड़ा मेल.